डलास, टेक्सास में हाल ही में हुई एक दुखद घटना ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने इस भारतीय नागरिक की हत्या पर न्यायपालिका द्वारा सख्त कार्रवाई का वादा किया है। यह मामला अवैध आप्रवासी द्वारा की गई हिंसा को लेकर बहस छेड़ रहा है। घटना 10 सितंबर 2025 को डलास के डाउनटाउन सूट्स मोटल में हुई, जहां भारतीय मूल के चंद्रा नागमल्लैया को एक विवाद के दौरान बेरहमी से मार दिया गया। ट्रंप ने इस हत्या को निंदनीय बताते हुए आरोपी को कानून की पूरी सख्ती से दंडित करने की बात कही।
चंद्रा नागमल्लैया, जो 50 वर्षीय भारतीय नागरिक थे, पिछले दो-तीन वर्षों से डलास में मोटल मैनेजर के रूप में कार्यरत थे। पुलिस रिपोर्ट्स के अनुसार, घटना एक टूटी हुई वॉशिंग मशीन को लेकर हुए विवाद से शुरू हुई। आरोपी, योर्डानिस कोबोस-मार्टिनेज नामक एक क्यूबन नागरिक, ने माचेटे से हमला किया और नागमल्लैया की पत्नी तथा बेटे के सामने उनकी गर्दन काट दी। यह घटना पूर्वी डलास के सैमुएल बुलेवार्ड पर स्थित मोटल में सुबह के समय हुई। डलास पुलिस ने आरोपी को कैपिटल मर्डर के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है और वह डलास काउंटी जेल में बंद है।
ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में इस घटना पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि वह चंद्रा नागमल्लैया की हत्या की भयावह रिपोर्ट्स से अवगत हैं, जो डलास में एक सम्मानित व्यक्ति थे। ट्रंप ने आरोपी को ‘अवैध एलियन’ बताते हुए कहा कि वह क्यूबा से था और उसे अमेरिका में कभी नहीं होना चाहिए था। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की आव्रजन नीतियों को दोषी ठहराया, दावा किया कि आरोपी का पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड होने के बावजूद उसे रिहा किया गया था। ट्रंप ने वादा किया कि आरोपी को कानून की पूरी सख्ती से मुकदमा चलाया जाएगा और उसे फर्स्ट-डिग्री मर्डर का दोषी ठहराया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अवैध आप्रवासी अपराधियों पर नरमी का समय खत्म हो चुका है और उनके नेतृत्व में अमेरिका को सुरक्षित बनाया जाएगा।
आरोपी योर्डानिस कोबोस-मार्टिनेज का पूर्व आपराधिक इतिहास लंबा है, जिसमें चाइल्ड सेक्स अब्यूज, ग्रैंड थेफ्ट ऑटो और फॉल्स इम्प्रिजनमेंट जैसे अपराध शामिल हैं। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी के अनुसार, वह जनवरी 2025 में बाइडेन प्रशासन के दौरान रिहा किया गया था, क्योंकि क्यूबा ने उसे वापस लेने से इनकार कर दिया था। ट्रंप प्रशासन ने अब ऐसे मामलों में सख्ती बरतने की बात कही है, जिसमें तीसरे देशों में निर्वासन की नीति शामिल हो सकती है। डीएचएस की असिस्टेंट सेक्रेटरी ट्रिशिया मैकलॉघली ने भी इस हत्या को रोकने योग्य बताया और बाइडेन नीतियों की आलोचना की।
भारतीय दूतावास ने इस घटना पर दुख जताया है। ह्यूस्टन में भारतीय जनरल कांसुलेट ने एक बयान में कहा कि वे चंद्रा नागमल्लैया की दुखद मौत पर शोक व्यक्त करते हैं और परिवार से संपर्क में हैं। वे सभी संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।
यह मामला आव्रजन नीतियों पर नए सिरे से बहस का कारण बन रहा है। ट्रंप ने स्पष्ट किया कि उनके प्रशासन में ऐसी घटनाओं पर जीरो टॉलरेंस होगा। जांच जारी है और आरोपी का मुकदमा जल्द शुरू होने की उम्मीद है।