अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के बीच भारतीय शेयर बाजार में हाल के दिनों में मजबूत उछाल देखा गया है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 12 सितंबर 2025 को भारतीय स्टॉक बेंचमार्क इंडेक्स ऊंचाई पर खुले, क्योंकि अमेरिकी ब्याज दर कटौती की संभावनाएं मजबूत हुईं। यह उछाल मुख्य रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में नरमी के संकेतों से प्रेरित है, जहां बेरोजगारी दावों में अप्रत्याशित वृद्धि ने फेड द्वारा अगले सप्ताह दर कटौती की उम्मीदों को पक्का कर दिया है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक माहौल है, जहां सेबी द्वारा आईपीओ और विदेशी निवेशकों के नियमों में ढील दी गई है, साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति बैठक पर नजरें टिकी हैं। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि फेड की दर कटौती से वैश्विक तरलता बढ़ेगी, जो भारतीय बाजार में विदेशी निवेश को आकर्षित करेगी। 12 सितंबर को भारतीय शेयरों में बढ़त दर्ज हुई, क्योंकि अमेरिकी दर कटौती की उम्मीदें अगले दो बैठकों में और मजबूत हुईं, जिससे घरेलू सेंटिमेंट में सुधार आया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इस सप्ताह बाजार फेड की नीति के फैसले और अमेरिका-भारत व्यापार वार्ताओं से प्रभावित होंगे, जहां मुद्रास्फीति और विदेशी निवेश प्रवाह पर फोकस रहेगा। अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों ने फेड को दर कटौती की राह पर रखा है, जिससे रुपए में राहत मिली है। 15 सितंबर 2025 को सेंसेक्स और निफ्टी सपाट खुले, लेकिन पिछले दिनों की बढ़त से बाजार में सकारात्मकता बनी हुई है। अपस्टॉक्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिकी श्रम बाजार की चिंताओं के बीच बाजार 25 बेसिस पॉइंट दर कटौती की 96% संभावना मान रहे हैं।
एआई इन्वेस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी शेयर नए उच्च स्तर पर पहुंचे, क्योंकि निवेशक दर कटौती पर दांव लगा रहे हैं, और इंफोसिस ने 18,000 करोड़ रुपये के बायबैक की घोषणा की है। लाइवमिंट की रिपोर्ट में निवेशकों की नजर फेड के अस्थिर श्रम बाजार पर है, जहां 90% संभावना 25 बेसिस पॉइंट कटौती की है। पीआईआईई की रिपोर्ट में फेड की सितंबर दुविधा पर चर्चा है, जहां वित्तीय बाजार 25 बेसिस पॉइंट कटौती को लगभग निश्चित मान रहे हैं।
एक्स प्लेटफॉर्म पर भी इस विषय पर चर्चा जोरों पर है। उदाहरण के लिए, मल्टीबैग एआई ने पोस्ट किया कि भारतीय बाजार में उछाल आया है, जहां सेंसेक्स 350 अंक चढ़ा और निफ्टी 25,100 के पार पहुंचा, मुख्य रूप से फेडरल रिजर्व दर कटौती की उम्मीदों से। राजत देवगन ने अंतरराष्ट्रीय बाजार अंतर्दृष्टि साझा की, जहां जीआईएफटी निफ्टी में उछाल और अमेरिकी बाजारों में रिकॉर्ड ऊंचाई दर कटौती की 100% संभावना से जुड़ी है। जूनियर साहनी ने निफ्टी पर विचार साझा किए, जहां फेड दर कटौती का असर बाजार की दिशा तय करेगा।
यह उछाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि कम ब्याज दरें निर्यात और निवेश को बढ़ावा दे सकती हैं। हालांकि, बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, जो फेड की बैठक के फैसले पर निर्भर करेगा। कुल मिलाकर, फेडरल रिजर्व की नीति भारतीय शेयर बाजार को प्रभावित कर रही है, जहां सेंसेक्स और निफ्टी जैसे इंडेक्स मजबूत प्रदर्शन कर रहे हैं।