फ्रिस्को, टेक्सास की 17 साल की तेजस्वी मनोज को TIME मैगजीन और TIME फॉर किड्स ने 2025 का ‘किड ऑफ द ईयर’ चुना है। यह सम्मान उन्हें बुजुर्गों को साइबर अपराध से बचाने के लिए डिजिटल साक्षरता सिखाने के काम के लिए मिला है। तेजस्वी ने ‘शील्ड सीनियर्स’ नाम की एक वेबसाइट बनाई है, जो जल्द ही मोबाइल ऐप भी बनेगी।
कहानी की शुरुआत
तेजस्वी का यह सफर छठी कक्षा से शुरू हुआ, जब उन्होंने वॉलंटियरिंग करना शुरू किया। उन्होंने कहा, “मैं छठी कक्षा से वॉलंटियरिंग कर रही हूं… मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है; अगर आप खुद भाग्यशाली हैं, तो आप चाहते हैं कि दूसरे लोग भी प्यार और भाग्य महसूस करें। यह मुझे बहुत खुशी देता है, यह जानकर कि मैं बदलाव ला सकती हूं।” फरवरी 2024 में उनके दादाजी को साइबर अपराधियों ने निशाना बनाया, जो परिवार के सदस्य बनकर 2000 डॉलर मांग रहे थे। दादी की सतर्कता से ठगी टल गई, लेकिन इस घटना ने तेजस्वी को बुजुर्गों पर होने वाली ऐसी ठगियों की जांच करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पाया कि यह एक बड़ी समस्या है।
शील्ड सीनियर्स क्या है?
शील्ड सीनियर्स एक प्लेटफॉर्म है जो 60 साल से ऊपर के लोगों को ऑनलाइन ठगियों से बचाने के लिए बनाया गया है। इसमें यूजर्स संदिग्ध ईमेल या मैसेज के स्क्रीनशॉट अपलोड कर सकते हैं, जिन्हें AI प्रोग्राम स्कैन करके ठगी का खतरा बताता है। साथ ही, इसमें एजुकेशनल रिसोर्सेज, वर्चुअल असिस्टेंट और इमेज एनालिसिस फीचर हैं, जो सुरक्षित ऑनलाइन निर्णय लेने में मदद करते हैं। अगर ठगी पाई जाती है, तो रिपोर्ट करने के लिंक भी दिए जाते हैं। वर्तमान में यह प्राइवेट प्रीव्यू मोड में है, और अर्ली एक्सेस के लिए https://www.shieldseniors.com/ पर फॉर्म भर सकते हैं।
प्रभाव और उपलब्धियां
तेजस्वी का लक्ष्य है कि बुजुर्ग आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और गरिमा के साथ इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकें। साइबर अपराध से बुजुर्ग न सिर्फ पैसे गंवाते हैं, बल्कि विश्वास और आत्मविश्वास भी खो देते हैं, जिससे वे तकनीक से दूर हो जाते हैं। AARP की रिसर्च के अनुसार, 70 साल से ऊपर के बुजुर्गों को ठगी से औसतन 1000 डॉलर का नुकसान होता है, जबकि 20 साल वालों को 417 डॉलर। तेजस्वी को 2024 के कांग्रेसनल ऐप चैलेंज में ऑनरेबल मेंशन मिला और 2025 में TEDx टॉक भी दिया। वे प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग जुटा रही हैं।
तेजस्वी ने TIME को बताया, “बुजुर्गों को सुनिश्चित करना कि वे ऑनलाइन दुनिया में आत्मविश्वास, स्वतंत्रता और गरिमा के साथ नेविगेट कर सकें।” उनकी मां ऐश्वर्या मनोज ने कहा, “तब उन्होंने रिसर्च की और पाया कि यह उनके दादा-दादी का अलग मामला नहीं, बल्कि बहुत बड़ी समस्या है।”
TIME के जेफ्री क्लुगर ने कहा, “साइबर अपराधी जिन्होंने तेजस्वी के दादाजी को निशाना बनाया, उन्हें पता नहीं था कि वे क्या कर रहे हैं।” यह सम्मान युवाओं की उपलब्धियों को मान्यता देता है जो दुनिया को बेहतर बना रहे हैं।