आधार कार्ड: UIDAI का ऐतिहासिक कदम, बच्चों के लिए बायोमेट्रिक अपडेट पूरी तरह मुफ्त; अब न दें एक पैसा भी

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने देशभर के करीब 6 करोड़ बच्चों के लिए आधार कार्ड के अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट को पूरी तरह मुफ्त कर दिया है। यह फैसला 1 अक्टूबर 2025 से लागू हो चुका है और 30 सितंबर 2026 तक प्रभावी रहेगा।

अब 5 से 7 साल और 15 से 17 साल के बच्चों को अपनी उंगलियों के निशान, आंखों की पुतली और फोटो का अपडेट कराने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा — जो पहले ₹125 लगता था। यह कदम न केवल परिवारों की जेब पर राहत देगा, बल्कि बच्चों की शिक्षा, छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाओं तक पहुंच को भी आसान बनाएगा।

आधार कार्ड में बच्चों की प्रक्रिया क्यों अलग है

आधार कार्ड भारत की डिजिटल पहचान का आधार स्तंभ है, जो 1.3 अरब से अधिक लोगों को जोड़ता है।
लेकिन बच्चों के मामले में बायोमेट्रिक प्रक्रिया थोड़ी अलग होती है।

  • 5 वर्ष से कम आयु के बच्चों का आधार नामांकन केवल नाम, जन्म तिथि, पता, लिंग और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों पर आधारित होता है।
  • इसमें फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन शामिल नहीं किए जाते, क्योंकि इतनी छोटी उम्र में सटीक बायोमेट्रिक डेटा लेना संभव नहीं होता।

जैसे ही बच्चा 5 वर्ष का होता है, उसे पहला अनिवार्य बायोमेट्रिक अपडेट (MBU-1) कराना जरूरी होता है।
फिर 15 वर्ष की आयु में दूसरा अपडेट (MBU-2) किया जाता है।
अगर ये अपडेट समय पर नहीं होते, तो पहले ₹125 का शुल्क लगता था — जिसे अब यूआईडीएआई ने पूरी तरह समाप्त कर दिया है।

यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?

कल्पना कीजिए, एक ग्रामीण परिवार का बच्चा स्कूल एडमिशन के लिए आधार की मांग करता है, लेकिन अपडेट न होने से प्रक्रिया अटक जाती है। या फिर सरकारी छात्रवृत्ति के लिए डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) में बाधा आ जाती है।

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अब, जब यह बायोमेट्रिक अपडेट फ्री कर दिया गया है, तो ऐसे लाखों बच्चे सीधे लाभान्वित होंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे आधार की उपयोगिता और बढ़ेगी — क्योंकि अपडेटेड आधार शिक्षा, पोषण योजनाओं, स्वास्थ्य सेवाओं और स्कॉलरशिप जैसी योजनाओं में पहचान की दिक्कतें खत्म करेगा।

कैसे कराएं बच्चों का आधार बायोमेट्रिक अपडेट?

प्रक्रिया बेहद सरल है —

  1. माता-पिता या अभिभावक नजदीकी आधार नामांकन केंद्र (Aadhaar Seva Kendra) पर जाएं।
  2. बच्चे की मौजूदगी अनिवार्य है ताकि बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, आइरिस, फोटो) लिया जा सके।
  3. आवश्यक दस्तावेज:
    • बच्चे का मूल आधार नंबर (यदि है)
    • जन्म प्रमाण पत्र
    • पता प्रमाण (Address Proof)
  4. निर्धारित आयु सीमा (5–7 वर्ष और 15–17 वर्ष) के भीतर अपडेट कराने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा
  5. भीड़ से बचने के लिए myAadhaar पोर्टल या UIDAI वेबसाइट से पहले से अपॉइंटमेंट बुक करें।

⚠️ ध्यान दें — यह सुविधा केवल 30 सितंबर 2026 तक मुफ्त रहेगी। उसके बाद सामान्य शुल्क फिर से लागू हो सकता है।

सरकार की सोच और आगे की चुनौतियाँ

इस फैसले के पीछे यूआईडीएआई का मकसद है कि बच्चों का डेटा हमेशा अद्यतन (updated) रहे, ताकि पहचान संबंधी दिक्कतें न आएं। महामारी के दौरान देखा गया था कि आधार ने टीकाकरण और DBT ट्रांसफर में बड़ी भूमिका निभाई थी। हालाँकि, ग्रामीण क्षेत्रों में नामांकन केंद्रों की कमी और जागरूकता की कमी अभी भी चुनौती है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि UIDAI को

  • जागरूकता अभियान चलाने,
  • स्कूलों में बायोमेट्रिक कैंप आयोजित करने,
  • और मोबाइल अपडेट यूनिट्स भेजने की दिशा में काम करना चाहिए।

निष्कर्ष

यूआईडीएआई का यह निर्णय बच्चों के भविष्य को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल आर्थिक राहत देगा, बल्कि डिजिटल समानता और समावेशन को भी बढ़ावा देगा।

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