आज से लागू हुआ RBI का नया चेक क्लियरेंस नियम: अब कुछ घंटों में मिलेंगे पैसे

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने आज से देशभर में चेक क्लियरेंस की नई प्रणाली लागू कर दी है। इस बदलाव के तहत अब बैंक चेकों को कुछ ही घंटों में क्लियर कर सकेंगे, जबकि पहले यह प्रक्रिया दो कार्य दिवस तक चलती थी। नया सिस्टम सभी बैंकों में चरणबद्ध रूप से लागू होगा और ग्राहकों को तेज़ फंड ट्रांसफर की सुविधा देगा।

क्या है चेक क्लियरेंस का नया नियम?

RBI ने अपने हालिया सर्कुलर (Ref: S536/04-07-001/2025-2026) में Cheque Truncation System (CTS) को “Continuous Clearing and Settlement on Realisation” मॉडल में बदलने की घोषणा की है।

पहले यह प्रक्रिया बैच-आधारित थी — यानी चेक सुबह, दोपहर और शाम के अलग-अलग बैचों में क्लियर होते थे।
अब यह रीयल-टाइम क्लियरिंग मॉडल में बदल गई है, जिसमें चेक की इलेक्ट्रॉनिक इमेज और MICR डेटा तुरंत क्लियरिंग हाउस को भेज दिया जाता है।

यह नियम दो चरणों में लागू हो रहा है:

  • पहला चरण: 4 अक्टूबर 2025 से
  • दूसरा चरण: 3 जनवरी 2026 से

कैसे काम करेगा नया CTS सिस्टम?

  1. ग्राहक जब चेक जमा करेगा, तो बैंक उसकी स्कैन कॉपी और डेटा को क्लियरिंग हाउस के जरिए पेइंग बैंक को भेजेगा।
  2. पेइंग बैंक को अब शाम 7 बजे तक कन्फर्मेशन (positive/negative) देना होगा।
  3. यदि बैंक इस समय सीमा में प्रतिक्रिया नहीं देता, तो चेक स्वतः स्वीकृत (deemed approved) माना जाएगा।
  4. दूसरे चरण (3 जनवरी 2026 से) में यह समय और घटकर T + 3 घंटे रह जाएगा — यानी चेक 10–11 बजे जमा हुआ तो 2 बजे तक क्लियर हो जाएगा।

💬 Moneycontrol के अनुसार, “नए नियम से बैंक चेकों को उसी दिन क्लियर कर सकेंगे, जिससे ग्राहकों को तेज़ी से भुगतान मिलेगा।”

Business Today ने ICICI Bank के हवाले से बताया कि बैंक ने “4 अक्टूबर से same-day cheque clearance” की पुष्टि की है।

Positive Pay System से जुड़े बदलाव

तेज़ क्लियरेंस के साथ, कुछ बैंक Positive Pay System को अनिवार्य बना रहे हैं।
इसमें ग्राहक को ₹50,000 या उससे अधिक राशि के चेक के विवरण (नाम, तारीख, राशि, आदि) पहले से ऑनलाइन दर्ज करने होते हैं।
यह कदम धोखाधड़ी और डुप्लीकेट चेक से बचाव में मदद करेगा।

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ग्राहकों और बैंकों को क्या लाभ मिलेगा?

लाभविवरण
समय की बचतअब चेक क्लियरेंस 1–2 दिन की बजाय कुछ ही घंटों में संभव
तेज़ फंड उपलब्धताव्यापारियों और कर्मचारियों को जल्दी भुगतान
सुरक्षा में सुधारPositive Pay और इलेक्ट्रॉनिक वेरिफिकेशन से फ्रॉड कम होंगे
डिजिटल दक्षतापारंपरिक चेक सिस्टम को डिजिटल मॉडल से जोड़ा गया

RBI का उद्देश्य: पारंपरिक बैंकिंग को आधुनिक तकनीक के साथ जोड़कर ग्राहकों के लेन-देन अनुभव को तेज़ और सुरक्षित बनाना।

क्या ध्यान रखें ग्राहक?

  • चेक वर्किंग आवर्स में जमा करें, क्योंकि कार्य दिवस समाप्त होने के बाद के चेक अगले दिन प्रोसेस होंगे।
  • Positive Pay कन्फर्मेशन समय पर करें, वरना देरी हो सकती है।
  • बैंक-दर-बैंक प्रक्रिया में थोड़ा अंतर हो सकता है, इसलिए अपने बैंक से नवीनतम नीति की पुष्टि करें।

निष्कर्ष

आरबीआई का यह कदम बैंकिंग सेक्टर के लिए एक बड़ा बदलाव है। यह न सिर्फ़ ग्राहकों के कैश फ्लो को बेहतर करेगा, बल्कि बैंकिंग सिस्टम की पारदर्शिता और दक्षता भी बढ़ाएगा। आने वाले महीनों में इसके दूसरे चरण के लागू होने से चेक क्लियरेंस भारत में अब तक की सबसे तेज़ प्रक्रिया बन जाएगी।

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